ہفتہ، 18 فروری، 2023

10 महाविद्या का चतुर्थ मंत्र -4

चतुर्थ ज्योति भुवनेश्वरी प्रगटी |
(भुवनेश्वरी)
ॐ आदि ज्योत आनादि ज्योत, ज्योत मध्ये परम ज्योत - परम ज्योत मध्ये शिव गायत्री भई उत्पन्न, ॐ प्रात: समय उत्पन्न भई देवी भुवनेश्वरी | बाला सुन्दरी कर धर वर पाशांकुश अन्न्पुर्णी दुधपूत बल दे बालका ऋद्धि सिद्धि भण्डार भरे, बालकाना बल दे जोगी को अमर काया | १४ भुवन का राजपाट संभाला कटे रोग योगी का, दुष्ट को मुष्ट, काल कन्टक मार | योगी बनखण्ड वासा, सदा संग रहे भुवनेश्वरी माता |
ह्रीं

کوئی تبصرے نہیں:

ایک تبصرہ شائع کریں