پیر، 13 فروری، 2023

शिव स्वरोदय विज्ञान

मनचाही सन्तान प्राप्त करने तरीका बता रहा हूँ |  
जब किसी पुरुष का सूर्य स्वर चल रहा हो तथा स्त्री का चन्द्र स्वर चल रहा हो तो विषय भोग करने से यदि गर्भ ठहरता है तो अवश्य पुत्र रत्न प्राप्ति होती है, इसके विपरीत करने से पुत्री धन का गर्भ धारण होता है  

एक विशेष बात माना यह जाता है की स्त्री को मासिक स्राव बाद स्नान करने के पश्चात् चौथे दिन से लेकर सोलहवें दिन तक विषय भोग करने से ही गर्भ की प्राप्ति होती है | 

  • चौथी रात्रि को विषय भोग करने से अल्पायु तथा दरिद्र पुत्र की प्राप्ति होती है | 
  • पाँचवीं रात्रि को -  सुखदायक पुत्री की प्राप्ति 
  • छठीं रात्रि को   -  मध्यम आयु वाला पुत्र की प्राप्ति 
  • सातवीं रात्रि को -  बाँझ पुत्री की प्राप्ति 
  • आठवीं रात्रि को -  ऐश्वर्यवान पुत्र की प्राप्ति 
  • नौवीं रात्रि को  -  ऐश्वर्यवान पुत्री की प्राप्ति 
  • दसवीं रात्रि को  -  चालाक पुत्र की प्राप्ति 
  • ग्यारहवीं रात्रि को  - दुश्चरित्र पुत्री  प्राप्ति
  • बारहवीं रात्रि को  -  सर्वोत्तम पुत्र की प्राप्ति 
  • तेरहवीं रात्रि को  -   वर्णसंकर  कोखवाली पुत्री की प्राप्ति 
  • चौदहवीं रात्रि को   - सभी गुणों से सम्पन्न पुत्र की प्राप्ति 
  • पन्द्रहवीं रात्रि को  -  भाग्यशाली पुत्री की प्राप्ति 
  • सोलहवीं रात्रि को  -  सबसे उत्तम पुत्र की प्राप्ति   

ये प्रयोग बहुत ही उपयोगी है आजमा के देखें

کوئی تبصرے نہیں:

ایک تبصرہ شائع کریں