پیر، 4 مارچ، 2024

वीर अस्त्र मन्त्र(2)

वीर अस्त्र (मन्त्र)

सत नमो आदेश। गुरुजी को आदेश । ॐ गुरुजी। उलटा तिरकस उलटा तीर। उलटा चले श्री हनुमन्त वीर सवा शेर का तोशा खाय, अस्सी कोश की धवल लगाय, मेरे दुश्मन को पकड़ लाय ना पकड़ लाय तो शम्भुजती गुरु गोरक्षनाथजी की आन, सत फुरे सत् वाचा फूरे घट पिण्ड की रक्षा गुरु गोरक्षनाथजी करे । इतना वीर मन्त्र सम्पूर्ण भया। श्री नाथजी गुरुजी को आदेश । आदेश। आदेश ।


[ मन्त्र सिद्धिः- शनिवार या मंगलवार को दक्षिण दिशा की तरफ मुख वाले हनुमान मन्दिर में जायें, मूर्ति को सिन्दूर लगायें, सरसों के तेल की ज्योत लगायें, लाल बुन्दि, पान, लौंग, इलायची का भोग लगायें। रोट लंगोट चढ़ावें। यह विधि ४१ दिन नित्य ११ बार वीर मन्त्र का जाप करें। मन्त्र सिद्ध हो जायेगा। इसका उपयोग सभी कार्य सफलता में होगा। जो भी कार्य करना हो मन्त्र ७ या ११ बार बोलकर करें।]

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