جمعرات، 7 مارچ، 2024

माँ-काली के प्रत्यक्ष दर्शन के लिए सिद्ध

माँ-काली के प्रत्यक्ष दर्शन के लिए सिद्ध

|| मन्त्र ||

ॐ काली-काली महा-काली इन्द्र की बेटी ब्रह्मा की साली हरी-गोट, पीरी-सारी मायके को बाँध सासरे को बाँध औघट को बाँध गैल को बाँध बार-बार में से सोत-सोत में से बत्तीसउ दाँत में से ऐंच-रौंच के नल्याबे तो फेर महाकाली- न कहावे, तीन पहर तीन घड़ी में, नीलो धुँआ। पीरी रज उड़ा के न आवे। तो काल-भैख की सेज पै पग धरै ॥


॥ विधि ॥

इस मन्त्र का अनुष्ठान 41 दिन का है, इस मन्त्र की 1 माला नित्य प्रतिदिन जपना चाहिए, जप एकांत में करें माँ काली की प्रतिमा या चित्र के सामने धरती पर गाय के गोबर से चौका लगाकर उस पर सिंदूर का गोल बिन्दू लगायें उस स्थान में शराब नौ लौंग, बकरी की कलेजी, मुर्गी का अंडा, फल-फूल मिठाई रखें, सामने दीवार पर एक त्रिशूल की आकृति सिन्दूर से बनायें उपरोक्त सामग्री त्रिशूल के नीचे रख उसकी पूजा करें, जपांत में शराब, मांस से दशांश हवन गुरु आज्ञानुसार करे तो माँ काली साधक को प्रत्यक्ष दर्शन देकर कृतार्थ करती है।

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