بدھ، 12 جون، 2024

विदया पलटने का काल भैरव मंत्र

ॐ काला भैरव कल कल करे रक्त मास को भोजन करे काल सब भैरव काल को धरे लोहे की कमान बज्र को बान जिसे चलाबे वीर बलवान, भैरव बाण चल चल भैरव कलिका की आन वादी को वाद मारे भूत प्रेत को जलाव इंद्र को आसन हिलाओ शत्रु को खून जलाव मद पीयो फिर गुर्राये मारण मूठ तंत्र मंत्र बाण लोट पलट घर जाए जिसका भेजा उसी को खाय फिर हंकार लगाए मेरी भक्ती गुरु की सक्ति मंत्र फूरे दुहाई माता काली की

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