پیر، 26 فروری، 2024

श्री नाथ सिद्धों का खप्पर मन्त्र

श्री नाथ सिद्धों का खप्पर मन्त्र

सतनमो आदेश।श्री नाथजी गुरुजी को आदेश।ॐ गुरुजी खप्पर खप्पर महाखप्पर।खप्पर धरती खप्पर आकाश।खप्पर में तीन लोक चौदह भुवन सप्त पाताल करें निवास।पहला खप्पर ओउमकार का।दूजा गुरु गोरक्षनाथ जी का।तीजा खप्पर श्री नाथ सिद्धों का।चौथा खप्पर नवखण्ड धरती माई सारी।पांचवा खप्पर गौरां पार्वती माई की ज्योति प्रकाश।कौन खप्पर आटे घाटे।कौन खप्पर ब्रम्हा बांटे।कौन खप्पर खाये खीर।कौन खप्पर उद्धारे शरीर।चांदी खप्पर आटे घाटे।स्वर्ण खप्पर ब्रम्हा बांटे।ज़हरी खप्पर खाये खीर।मिट्टी खप्पर उद्धारे शरीर।कहे महादेवजी सुनो माया मछिन्द्रनाथ।चौपटा पर ध्यान लगावों।मढ़ी मसाण में रहो।खप्पर में खाओ पीओ।काली पुत्र काल भैरव को ध्यावों।आदि भैरव युगादि भैरव।काली के पुत्र काल भैरव।काल भैरव काला केश।कानों मुन्दरा भगवा भेष।तुमको ध्यावें गौरी नन्द गणेश।सतगुरु का बालक करता फिरे आदेश।काला पीला तोतला तीनों रहे पाताल।मस्तक बिन्दी सिन्दूर की गणेश काल भैरव हनुमान ये तीनों दुर्गा माई के योद्धा घट पिण्ड की रक्षा करें सिद्ध अजयपाल।इतना खप्पर मन्त्र जाप सम्पूर्ण भया।कैलाश गिरी पर्वत शिला पर देवाधिदेव महादेव जी ने माया मछिन्द्र नाथ जी को कान में सुनाया।श्रीनाथजी गुरुजी को आदेश।आदेश।आदेश।

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