منگل، 26 مارچ، 2024

हमजाद सिद्ध करने का मंत्र

हमजाद सिद्ध करने का मंत्र

"आगम निगम की खबर लगावे सोऽहं पारब्रह्म को नमस्कार।"


इस मंत्र को चालीस दिनों तक प्रतिदिन 25000 दफा जाप करने से हमजाद सिद्ध हो जाता है। इस सिद्धि को प्राप्त कर लेने के पश्चात् साधक एक स्थान पर बैठे- बैठे ही दूर देशों तक का हाल पता कर सकता है।


हाजरात का सिद्धि मंत्र


"काला भेरूं काला काल काला भेज्या चारों धाम काल्या काला कहाँ गया भेंने भेज्या वहाँ गया कौन को दिखाए भगे भगाए को रूठे रुठाय को धरती में दबे धन माल को देव दानव को चोर चौपाए को जहाँ के तहाँ को न बताए तो माता कालिका के खप्पर में जरे मेरी भक्ति गुरू की शक्ति।"


इस प्रयोग में बालक/बालिका ही का भी प्रयोग किया जा सकता। इस विशेष काजल को हथेली में वृत्ताकर एक रुपये के सिक्के के बराबर गोलाई में लगाया जा सकता है अथवा नाखून पर भी लगाया जा सकता है। आरम्भ में कज्जल वृत्त में प्रकाश की किरणें फूटती हैं फिर नाग के दर्शन होते हैं। नाग को प्रणाम कर उससे अपना मनोरथ कहना चाहिए। इसके पश्चात् नाग चलता हुआ या उड़ता हुआ चाहे गए स्थान तक जाकर सम्बन्धित बात को दिखाएगा। इस प्रयोग से गुप्त निधि, खोए की तलाश आदि को ज्ञात किया जा सकता है। इस 'हाजरात काजल' को प्राप्त करने के लिए आप हमारे केंद्र से सम्पर्क कर सकते हैं।

हाजरात सिद्धि के लिए कालिका सिद्ध


|| मन्त्र ॥

ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं हाजरात-सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा ।।


॥ विधि ॥

इस मंत्र का मंगलवार से जप आरम्भ कर 21 दिन में 21000 बार जप विधि-विधान सहित करें, फिर इस मंत्र का दशांश हवन चमेली के फूल और कपूर मिला कर करें तो यह मन्त्र सिद्ध होगा।


फिर पूर्व में वर्णित हाजरात की ही विधि से बालक द्वारा प्रश्न पूछ लें।

हजरात बंगाली कालिका सिद्ध


॥ मन्त्र ॥

ॐ काली माता। काली माता।


ओतो ते ॥


॥ विधि ॥

इस मंत्र का 21 दिन में इक्कीस हजार जप विधि-विधान सहित करने से यह मन्त्र सिद्ध होगा। फिर कपूर का काजल बनाकर उसमें कुछ बूँदे चमेली के सुगंधित तेल की डाल कर उस काजल को सम्भाल कर रखें, आवश्यकता के समय जिस दिन आकाश साफ हो तो सुबह आठ बजे से पहले किसी 11 वर्ष के बच्चे को आसन पर बिठा कर, इस मंत्र से गुड़ 21 बार अभिमंत्रित कर उसे खिलायें, फिर उसके दाहिने हाथ के अंगूठे पर काजल वाली स्याही लगा दें और बच्चे को उस काजल को ध्यान से देखने को कहें, जब लड़का उस अंगूठे पर ध्यान एकाग्रचित करेगा तो उसे एक मैदान दिखाई देगा उसमें कुछ आकृतियां दिखाई देंगी। तब लड़का कहे कि भंगी हाजिर हो तो अंगूठे वाले मैदान में भंगी आ जायेगा, तो लड़का उसे झाड़ लगाने को कहे, जब झाडू लगाकर खड़ा हो जाये तो लड़का कहे भंगी साब आप जाये और पानी छिड़काव करने वालों को भेजें, जब पानी छिड़काव करने वाला आ कर खड़ा हो जाये तो उसे लड़का पानी छिड़कने को कहे जब वह पानी छिड़ककर खड़ा हो जाय तो उसे लड़का आदेश करे कि आप जायें और फर्श लगाने वाले को भेजें। जब फर्श लगाने वाला आकर फर्श लगादे और सिंहासन स्थापित कर दे तो उसे कहे आप जाए और मुंशी जी या पण्डित जी को बुलायें। जब वह मुंशी जी को साथ लेकर पधारें तो बालक उसने निवेदन करे कि मैं कुछ प्रश्न पूछना चाहता हूँ क्या उप इसके लिए तैयार हैं ? तो वह जब हाँ में सिर हिलाए तो लड़का मुंशी को कहे कि माँ कालिका जी को आदर सहित सिंहासन पर लाए। जब माँ कालिका सिंहासन पर बिराजे तो लड़का माँ कालिका को 11 रुपये फल-फूल, मिठाई, अगरबत्ती से उनकी पूजा कर, जो प्रश्न मुंशी जी से पूछना चाहे पूछे। मुंशी जी माँ कालिका से उत्तर पूछ कर बालक को हाँ या ना में जवाब देंगे या बालक मुंशी जी से निवेदन करेगा कि मुझे इस भाषा में लिखकर उत्तर दो तो मुंशी स्लेट पर लिखकर भी उत्तर देगा। प्रश्नों का उत्तर प्राप्त करने के बाद माँ कालिका की सवारी को वापिस जाने का निवेदन करें। इस प्रयोग से साधक हर प्रकार के प्रश्नों के उत्तर प्राप्त कर सकता है। इस प्रयोग को सिद्ध करने वाला साधक कभी किसी से रुपया- पैसा न ले तथा गुरु से दीक्षा प्राप्त कर इस सिद्धि को सम्पन्न करें।


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