ہفتہ، 6 اپریل، 2024

सिध्द शाबर रक्षा मंत्र |

सिध्द शाबर रक्षा मंत्र |

मंत्र -

ॐ नमो आदेश गुरू को, अजर बांधू बजर बांधू, बांधू दशो द्वार, आण पडी हनुमान की, रक्षा राम की कार पहली चौकी गज गणपति की दूजी चौकी विकट वीर हनुमान तीजी चौकी भूमिया भैरव चौथी चौकी नरसिंह की आण इस चौकी को जो कोई लांघे तुरतही धूल भसम हो जावे दुश्मन बैरी जो कोई करे उलट फेर उसी के माथे परे शब्द सांचा पिंड कांचा फुरो मंत्र ईश्वरी वाचा

(2)

तंत्र बाधा नाशक मंत्र :

ॐ नमो आदेश गुरु को वज्र का कोठा, वज्र का ताला, वज्र से बाँधू दसो द्वारा, यहाँ वज्र का लगा किवाड़ा, वज्र की चौखट, वज्र की कील, जहां से आया, तहां ही जावे, जिसने भेजा, उसको खाए, अपना मुख फिर न दिखाए, हाथ को, नाक को, सिर को, पीठ को, कमर को, छाती को, मेरे इस काया पिंड को यदि कष्ट पहुंचाये तो गुरु गोरखनाथ के धुनें में जले, मेरी भक्ति गुरु की शक्ति, फुरो मंत्र ईश्वरोवाचा

(3)

शत्रु उच्चाटन

मंत्र

ॐ एक ही आदि है जग धारा सदा स्मरण करूं ओंकारा

औमकार से मैं काम चलाऊं

ठहरे पर्वत मैं हिलाऊं 

ओमकार से उपजी वायु ।

वायु का बेटा है हनुमान ।

तेरा हूँ मैं एक ही दासा ।

सदा रहो रघुवर के पासा ।

पान बीड़ा तुझे चढ़ाऊं ।

देववत्त को मैं भगाऊं ।

मेरा भागा न भगे ।

रामचन्द्र की दुहाई ।

सीता सत्यवंती की दुहाई 

लक्ष्मण यती की दुहाई ।

गौरा पार्वती की दुहाई ।

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