پیر، 4 مارچ، 2024

पायल मन्त्र

पायल मन्त्र

सित नमो आदेश । गुरुजी को आदेश । ॐ गुरुजी। तोय तलायी तोय तार। पलट काया कंचन सार । तोय पायल धोय पसार। सत्गुरु हुकम करे फरमान । योग मायी चरण शीश नमाय। गत गंगा गुरु ज्ञान। अन्दर बाहर जल समान । मन्त्र पढ़ पायल करे सो अवधू अमरापुर जावे। बिना मन्त्र पायल करे पडे पिण्ड नरक में जाये। इतना पायल मन्त्र जाप सम्पूर्ण भया। श्री नाथजी गुरुजी को आदेश ।


[ विशेषः- इस मन्त्र से स्नान या हाथ पैर धोने से शुद्धता, निर्मलता आती है। अतः कोई भी धार्मिक विधि करने के पूर्व यह विधि करेंपायल करने के पश्चात् सभी उपदेशी योगेश्वर अन्दर कक्ष में एकत्रित होते है। यहां सभी के एक संग मत से ७-८ पदों का चुनाव होता है। अतः निम्न प्रकार शंखढाल क्रिया के मानधारियों का चुनाव होता है।

کوئی تبصرے نہیں:

ایک تبصرہ شائع کریں