پیر، 15 اپریل، 2024

सिद्ध हनुमान

सिद्ध हनुमान

॥ जंजीरा ॥

ॐ वीर बज्र हनुमताय नमः चलो राम दूताय नमः चलो बाँध लोहे का गदा वज्र का कछौटा पान-तेल-सिंदूर की पूजा ओं खं खं खं खट पवन पतंग। ओं चं चं चं कहसि कुबेर भैख कील, मसान कील। देव कील, दानव कील, दैत्य- कील, ब्रह्म-राक्षस कील। छल-छिद्र मेंद कील, नाफ- की तिजारी कील, देव-अचल- चल कील, पृथ्वी कील, मेघ- कील, मेरे ऊपर घात करे। छाती फाट के मरें, माता- अंजनी की दुहाई, सूर्य-वंशी- राजा राम चन्द्र की दुहाई। जती लक्ष्मण की दुहाई। शब्द साँचा, पिण्ड काँचा। फुरो मन्त्र, ईश्वरो वाचा ॥

॥ विधि ॥

यह सिद्ध हनुमान जंजीरा है, जो साधक इस जंजीरे का नित्य जाप श्री हनुमान जी विषयक सभी नियमों को ध्यान में रख श्रद्धा से करता है। तो श्री बजरंगी जी की साधक पर असीम कृपा बनी रहती है तथा उसके समस्त संकट नाश होते हैं।

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