सिद्ध हनुमान
॥ जंजीरा ॥
ॐ वीर बज्र हनुमताय नमः चलो राम दूताय नमः चलो बाँध लोहे का गदा वज्र का कछौटा पान-तेल-सिंदूर की पूजा ओं खं खं खं खट पवन पतंग। ओं चं चं चं कहसि कुबेर भैख कील, मसान कील। देव कील, दानव कील, दैत्य- कील, ब्रह्म-राक्षस कील। छल-छिद्र मेंद कील, नाफ- की तिजारी कील, देव-अचल- चल कील, पृथ्वी कील, मेघ- कील, मेरे ऊपर घात करे। छाती फाट के मरें, माता- अंजनी की दुहाई, सूर्य-वंशी- राजा राम चन्द्र की दुहाई। जती लक्ष्मण की दुहाई। शब्द साँचा, पिण्ड काँचा। फुरो मन्त्र, ईश्वरो वाचा ॥
॥ विधि ॥
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