सर्व-कार्य सिद्धि दाता हनुमान
|| मन्त्र ||
ॐ विनायक कण्ठा बेठो आय। सबके पहली सिमर सूँ भूल्या ॥ राय बताय, अंजनी-पुत्र, पवन-। पुत्र, सूद-पुत्र, मैं हुंकारु ॥ जद ही आओ, मेरा काम। सिद्ध कर ल्यावो, हनुमान। बजर की काया, जद हुँकाएँ। जद ही धाया, मैं जाणू पारी-॥ जातः, तू जलम्यो अमावस । की रातः. लूंग-सुपारी-जायफल-॥ तीनू पूजा लेय, सीध पैरूँ । बैठ के तीधारा खाण्डा लेय ॥ अटक-अटक लंका-सा कोट । समुद्र-सी खाई, लोह की कील ॥ बजर का ताला, आ बैठ हनुमन्त । वज्र रखवाला, आव हनुमन्त । जल्दी आव, हमारा काम सिद्ध। करि ल्याव, शब्द सांचा। पिण्ड कांचा ॥ चलो मन्त्र, ईश्वरो वाचा ॥
॥ विधि ॥
इस मन्त्र का अनुष्ठान 41 दिन का है, साधक श्री हनुमान जी विषयक सभी नियमों का पालने करते हुए प्रतिदिन एक माला का जप व दशांश हवन करें तो यह मन्त्र सिद्ध होगा।
यह अनुष्ठान किसी भी मंगलवार से शुरु कर सकते हैं। अब आप किसी .कार्य के शुभारम्भ में या किसी अन्य कार्यों के समय इस मन्त्र की एक माला जपें तो समस्त कार्य निर्विघ्न सम्पन्न होंगे।